
नीमच ।फर्जी तरीके से भूमि की रजिस्ट्री तथा अनुबन्ध करने वाले गिरोह जो काफी समय से नीमच जिले में सक्रीय होकर नीमच जिले मे कई प्रापर्टीयो की पूर्व में फर्जी रजिस्ट्री करता दि गई थी जिसके सम्बन्ध मे लगातार शिकायत प्राप्त होने पर नीमच पुलिस अधीक्षक अंकित जायसवाल व नवल सिह सिसोदिया व नगर पुलिस अधीक्षक अभिषेक रंजन के निर्देशन एवं थाना नीमच सिटी थाना प्रभारी विकास पटेल के नेतृत्व में लगातार कार्यवाही की जा रही है और आरोपीयो को गिरफ्तार कर जैल भेजा गया।
इसी क्रम में आवेदक संजय पिता गिरधारी लाल अग्रवाल निवासी विकास नगर नीमच के द्वारा पुलिस को दिनांक 05.08.2024 को एक लेखी शिकायत आवेदन दिया की करीबन 03-04 माह पूर्व गोविन्द पिता रमेश पाटिदार निवासी मालखेडा के द्वारा उसे बताया गया की उनकी उनके प्लांट के पास स्थित भुमि जो की गाँव सरवानिया बोर में आती है जिसका सेर्वे नम्बर 31 (एस) रकबा 0.19 है. सर्वे नम्बर 32 रकबा 1.040 है., सर्वे नम्बर 33 रकबा 0.66 है., सर्वे नम्बर 191 रकबा 1.410 है., सर्वे नम्बर 193/1 रकबा 0.22 है., सर्वे नम्बर 190/2 रकबा 0.10 है. सर्वे नम्बर 194 रकबा 0.910 है.. कुल किता 07 कुल रकबा 4.530 है जिसको शिवनारायण पिता भेरूलाल धाकड, कस्तुरी बाई पति भेरूलाल धाकड, रोहित धाकड पिता भेरूलाल धाकड निवासी मालखेडा के द्वारा अनुबन्ध पर प्यार चन्द पिता भुवानीराम उर्फ भोनीराम भील, मुकेश पिता भेरूलाल भील, तथा शम्भुलाल पिता भुवानीराम उर्फ भोनीराम भील, निवासीयान कनावटी आदि से अनुबन्ध पर क्रय कर रखी है जिन्हे रूपयो की आवश्यकता है इसलिये वह लोग उका भूमि को बेचना चाहते है वह लोग उक्त भूमि को बेचना चाहते है जिसका सौदा 12 लाख 75 हजार रूपये प्रति बीघा के मान से क्रय करने का हुआ। फिर गोविन्द हि दो व्यक्तियो को मेरे सामने लाया था की यह शिवनारायण तथा रोहित है जिनकी पास बुक तथा आधार कार्ड भी लेकर आया था साथ मे कस्तुरी बाई की पास बुक तथा आधार कार्ड भी लेकर आया था। उक्त भूमि की रजिस्ट्री का प्रकरण भी श्रीमान् कलेक्टर महोदय के यहां पर चल रहा है जिसकी रजिस्ट्री का आदेश भी शिवनारायण, कस्तुरी बाई रोहित धाकड के नाम से होने वाला है। चुकि उक्त भुमि मेरे प्लांट से लगी होने के कारण दो दिन बाद दिनांक 01.05.2024 को उक्त भूमि के क्रय करने के सम्बन्ध में एक विक्रय अनुबन्ध पत्र उक्त दलाल के माध्यम से शिवनारायण, कस्तुरी बाई रोहित धाकड क्रय करने का अनुबंध किया गया तथा 10 लाख रूपये शिवनारायण, 10 लाख रूपये कस्तुरी बाई 10 लाख रूपये रोहित धाकड के बैंक खातो की पास बुक जो गोविन्द लेकर आया था उन खातो ने पृथक पृथक आरटीजीएस के माध्यम से कुल 30 लाख रूपये 06.05.2024 को डलवाये इसके अतिरिक्त 26 लाख रुपये नगद दलाल के समक्ष दिये। चुकि उक्त भुमि अनुसुचित जनजाती के परिवार के नाम से थी जिसकी रजिस्ट्री अन्य व्यक्ति को करने के लिये श्रीमान् कलेक्टर महोदय की अनुमति की आवश्यकता होती है। गोविन्द द्वारा लेकर आये शिवनारायण, रोहित धाकड नाम के व्यक्ति ने विक्रय अनुबन्ध लेख कर हस्ताक्षर किये तथा गोविन्द कस्तुरी बाई का निशानी अंगुठा उसके घर जाकर करवाकर लाये थे। विक्रय अनुबन्ध के अनुसार श्रीमान् कलेक्टर महोदय की अनुमति 03 माह में प्राप्त कर रजिस्ट्री करवाकर शेष राशी देना थी। उक्त विक्रय अनुबन्ध के 15 दिन बाद मेरे पास शिवनारायण नाम का एक व्यक्ति आया और मेरे से बोला की आपके प्लांट के पास लगी भुमि उसे विक्रय करना है आपको खरीदना हो तो आप खरीद सकेते हो। तब मेरे द्वारा उससे बोला गया की मेरे प्लांट से लगी जो उसके द्वारा बताई गई है को शवनारायण, कस्तुरी बाई रोहित धाकड से दलाल गोविन्द पाटिदार के माध्यम से सौदा कर चुका हु तथा तीनो से विक्रय अनुबंध पत्र भी लेख करवाया जाकर विक्रय अनुबंध पत्र के अनुसार राशी भी दे चुका हूं तथा श्रीमान् कलेक्टर महोदय की अनुमति के पश्चात 03 माह में रजिस्ट्री करवाना है। तब मेरे पास जो शिवनारायण नाम का व्यक्ति आया जिसने बोला की उक्त भुमि उसकी तथा उसके भाई तथा माता की है तथा हमने अनुबन्ध के आधार पर प्यार चन्द पिता भुवानीराम उर्फ भोनीराम भील आदि से क्रय की गई कुल रकबा 4.530 किसी को नहीं बेची और नही किसी को विक्रय अनुबन्ध लेख किया गया। तब मेरे को जानकारी प्राप्त हुई की गोविन्द पाटिदार के द्वारा मेरे से फर्जी लोगो को खड़ा कर फर्जी अनुबन्ध कर दिया गया।
उक्त शिकायत आवेदन की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक श्री अंकित जायसवाल व श्री नवल सिह सिसोदिया व नगर पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक रंजन के निर्देशन एवं थाना नीमच सिटी थाना प्रभारी विकास पटेल के नेतृत्व में थाना नीमच सिटी पर विशेष टिम का गठन किया जाकर हर बिन्दु पर बारिकी से जाँच करने हेतु आदेशित किया।
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दौराने जोंध आवेदक से विक्रय अनुबन्ध प्राप्त कर शिवनारायण पिता भेरूलाल धाकड, कस्तुरी बाई पति भेरूलाल धाकड रोहित धाकड पिता भेरूलाल धाकड निवासी मालखेडा से पुछताछ करते उनके द्वारा बताया गया उनके तथा गोविन्द के मध्य उधार रूपयो का लेन देन काफी समय से चलता आ रहा है और उनको 30 लाख रूपयो की आवश्यकता थी जिसके सम्बन्ध में उनके द्वारा गोविन्द से चर्चा कि गई तो उसके द्वारा बताया गया की वह उनको बाजार से रूपये उधार दिलवा सकता है किन्तु बाजार से रूपये देने वाला व्यक्ति सिधे खाते में रूपये डालता है जिससे की उसके पास सबुत रहे की उसने किसे रूपये दिये है यह कहकर हम तीनो के आधार कार्ड तथा बैंक के खाता नम्बर गोविन्द के द्वारा लिये गये थे तथा उक्त घटना की 03 को जानकारी प्राप्त होते ही अपने खाते फर्जी तरीके से आये रूपये वापस उसी खाते में ट्रांसफर कर दिये गये। शिवनारायण, रोहित के द्वारा अनुबन्ध पर अपने हस्ताक्षर होने से इन्कार किया गया। तथा कस्तुरी बाई के हस्ताक्षर के स्थान पर अंगुठा निशानी होना पाया गया जबकी कस्तुरी बाई पढीलिखी होकर हस्ताक्षर कराना जानना बताया गया। जिसपर से कस्तुरी बाई के अंगुठा निशानी लेकर जाँच करवाते अनुबंध पर लगे अंगुठा निशानी अन्य व्यक्ति के होना पाये गये। जिस पर से उक्त शिकायत आवेदन पर अपराध धारा 419,420,467,468,471,120 बी भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया।
दौराने विवेचना प्रकरण के नामजद आरोपी गोविन्द पिता रमेश पाटिदार निवासी मालखेडा को गिरफ्तार किया जिसके द्वारा बताया गया की उराने तथा उसके साथी कालु उर्फ शैलेन्द्र शर्मा पिता विरेन्द्र उर्फ पप्पु बैरागी निवासी पिपलोन जिसके उपर 420 के पुर्व से कई प्रकरण दर्ज है तथा नारायण सिंह निवासी गिरदोडा के द्वारा उक्त घटना को योजना पुर्वक अन्जाम दिया गया तथा कानुनी कार्यवाही से बचने के लिये जानबंझकर 10-10 लाख रूपये शिवनारायण धाकड, कस्तुरी धाकड रोहित धाकड के प्राप्त बैंक खाते में डलवाये गये तथा इनके प्राप्त आधार कार्ड से विक्रय अनुबन्ध हेतु ई स्टाम्प प्राप्त कर जिया गया और उस पर शिवनारायण धाकड के स्थान पर रूपये देकर अपने अन्य साथी अर्जुन पिता संतोष नागदा निवासी रेवली देवली तथा नितेश पिता पप्पु नागदा निवासी आमली भाट से इनके फर्जी हस्ताक्षर करवाये गये तथा कस्तुरी बाई के स्थान पर अन्य महिला का अंगूठा लगाया जाकर फरियादी के साथ 56 लाख की धोखाधडी की गई जिसमे से कानूनी कार्यवाही से बचने तथा क्रेता का शंका न हो इसलिये 10-10 लाख रूपये शिवनारायण, राहित तथा कस्तुरी गाई के खाते में डलवा दिये गये। शेष 26 लाख रूपयो में से 21 लाख रूपये आपस में बांट लेना तथा 05 लाख रूपये फर्जी हस्ताक्षर करने बाले दोनो पुरुष तथा एक महिला को देना बताया गया।